दृढ़ स्थिति वाक्य
उच्चारण: [ deridh sethiti ]
"दृढ़ स्थिति" अंग्रेज़ी में
उदाहरण वाक्य
- मुझे दिए गएनिमंत्रण को सरकार ने जिस साधारण नीति से लिया था, उसने मुझे दृढ़ स्थिति लेने केलिए विवश किया.
- उधर उन्होंने यह राय प्रकट की है कि मलयालम में लघुकथा की विधा एक दृढ़ स्थिति प्राप्त नहीं कर सकी है।
- हिन्दी में भावार्थ-जो बुद्धि सूक्ष्म तत्त्वगुण का ज्ञान होने से दृढ़ स्थिति में है वह धन रूपी फल को उत्पन्न करती है जिस प्रकार अरणी काष्ट अग्नि को प्रकट करता है।
- हिन्दी में भावार्थ-जो बुद्धि सूक्ष्म तत्त्वगुण का ज्ञान होने से दृढ़ स्थिति में है वह धन रूपी फल को उत्पन्न करती है जिस प्रकार अरणी काष्ट अग्नि को प्रकट करता है।
- ११. इस प्रकार भगवत प्राप्ति की इच्छा वालों के लिये शास्त्रों के गूढ़ तत्त्व का निरूपण किया गया है, जो भी इस विधि का दृड़ता-पूर्वक पालन करता है, वह भगवान में दृढ़ स्थिति को प्राप्त ही जाता है।
- एक अति सुंदर उपमा इस प्रकार जब भली भाँति संयत चित्त हो सब प्रकार की कामनाओं से मुक्त होकर आत्मा में ही विश्राम पाता है, तब ऐसा माना जा सकता है कि योगी ने ध्यान में दृढ़ स्थिति प्राप्त कर ली है ।।
- हे मुनिवर, विविध रसों से पूर्ण भोग की भूमि यह विचित्र पृथिवी स्त्रियों के ही सहारे दृढ़ स्थिति को प्राप्त हुई है, इस संसार की हेतु स्त्री ही है, यदि स्त्री न होती, तो संसार कभी का विलीन हो गया होता।।
- दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम् ॥ श्री भगवान बोले-' भय का सदा अभाव, अंतःकरण की शुद्धि, ज्ञान के लिए योग में दृढ़ स्थिति, सात्विक दान, इंद्रियों का दमन, यज्ञ, स्वाध्याय, कर्तव्य पालन के लिए कष्ट सहना, शरीर, मन, वाणी की सरलता ।
- दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम् ॥ भावार्थ: श्री भगवान बोले-भय का सर्वथा अभाव, अन्तःकरण की पूर्ण निर्मलता, तत्त्वज्ञान के लिए ध्यान योग में निरन्तर दृढ़ स्थिति (परमात्मा के स्वरूप को तत्त्व से जानने के लिए सच्चिदानन्दघन परमात्मा के स्वरूप में एकी भाव से ध्यान की निरन्तर गाढ़ स्थिति का...
- भय का सर्वथा अभाव, अन्तःकरण की पूर्ण निर्मलता, तत्त्वज्ञान के लिए ध्यान योग में निरन्तर दृढ़ स्थिति और सात्त्विक दान, इन्द्रियों का दमन, भगवान, देवता और गुरुजनों की पूजा तथा अग्निहोत्र आदि उत्तम कर्मों का आचरण एवं वेद-शास्त्रों का पठन-पाठन तथा भगवान् के नाम और गुणों का कीर्तन, स्वधर्म पालन के लिए कष्टसहन और शरीर तथा इन्द्रियों के सहित अन्तःकरण की सरलता (1)
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